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उड़द दाल के पकौड़े | पहाड़ी बड़े बनाने का तरीका | How to make Urad Dal Ke Pakode | Recipe In Hindi | Pahadi Uttarakhand Style |

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उड़द दाल के पहाड़ी बड़े(पकौड़े)| Urad Dal Pakoda | Pahadi Reciepe In Hindi |

उड़द या काली दाल के पहाड़ी बड़े या पकौड़े, पहाड़ियों का वह खाश पकवान है जिसे हर शुभ कार्य को शुरू करने से पहले जरूर तैयार किया जाता है। हर तरह के मांगलिक कार्य, चाहे विवाह

कार्यक्रम हो या किसी शुभ कार्य की शुरुआत हो या कोई पर्व हो, उडद दाल के पकोड़ों को शुभ माना जाता है। अगर आप एक पहाड़ी क्षेत्र(खाशकर उत्तराखंड के गढ़वाल तथा कुमाऊं क्षेत्र) में किसी मांगलिक कार्य में शामिल होते हैं तो आपको पहाड़ी काली दाल के इन पकोड़ों का स्वाद चखने का मौका जरूर मिलेगा। उडद या काली दाल को पीस कर तैयार किये जाने वाला यह पकवान स्वाद में अच्छा होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होता है।

उड़द दाल के बड़े

क्या होते हैं उड़द दाल के बड़े? What is Urad Dal Pakoda?

पहाड़ी बड़े या पकौड़ों को काली दाल अथवा उड़द की दाल से तैयार किया जाता है। उड़द की दाल को पीस कर उसमें जरूरी चीजें मिलाकर तेल में तला जाता है। उडद की दाल प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट तथा विटामिन बी का काफी अच्छा स्रोत होती है, इसलिए ये पकौड़े सेहत के लिए भी पौष्टिक होते हैं। इसके साथ ही यह पकवान पाचन तंत्र के लिए भी अच्छा होता है। उड़द की दाल पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छी मानी जाती है।

urad dal pakoda recipe uttarakhand in hindi
उड़द या काली दाल

उड़द दाल पकौड़ा/बड़े कैसे बनाते हैं? How To Prepare Pahadi Urad Dal Pakoda/Bade |

उड़द दाल पकौडों को बड़ी ही आसानी से कोई भी तैयार कर सकता है। आजकल काफी लोग आधुनिक तरीके से भी इन्हें तैयार करते हैं। हम यहां पर पारंपरिक तरीके से दाल के पकौड़े बनाने की विधि का वर्णन करेंगे।

जरूरी सामान | Urad Dal Pakoda Recipe ingredients |

उड़द दाल, धनिया पत्ते, हरी मिर्च, सिलबट्टा, दाल पीसने की मशीन या मिक्सर, तिल, सरसों का तेल, कढ़ाई इत्यादि।

पहाड़ी उड़द या काली दाल के बड़े बनाने की विधि | Urad Dal Pakoda/Bade Recipe in Hindi |

1: सबसे पहले उड़द की दाल को कम से कम 12 घंटे के लिए भीगने के लिए छोड़ दें।

भीगी हुई उड़द दाल

2: जब दाल अच्छे से भीग जाये, तो दाल से पानी को अलग कर लें।

इसके बाद सिलबट्टे पर हल्का-हल्का पीस कर दाल का बाहरी काला छिलका निकाल दें। अगर दाल अच्छे से भीगी होगी तो यह बाहरी काला छिलका हाथों से मसलकर भी निकाला जा सकता है। सिलबट्टे की सहायता से यह आसानी से निकल जाता है।

उड़द दाल का छिलका
बिना छिलके की उड़द दाल

3: छिलका उतर जाने के बाद अब दाल को बारीक पीसना होता है। यह कार्य आप सिलबट्टे पर ही कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त नीचे फ़ोटो में दिख रही हाथ से घुमाई जाने वाली एक मशीन से यह कार्य बड़ी ही आसानी से हो जाया करता है। सिलबट्टे पर अधिक मेहनत लगती है। इसके अतिरिक्त दाल को मिक्सर में भी आसानी से पिसा जा सकता है।

दाल पीसने की मशीन

 

4: अब धनिया पत्ती और हरी मिर्च को सिलबट्टे या मिक्सर में बारीक़ पीस लें।

मिर्च और धनिया पत्ते

5: धनिया और मिर्च के मिश्रण को पिसी हुई दाल में अच्छे से मिला लें। इसके बाद स्वाद के अनुसार नमक भी मिला लें।

6: इसके बाद कढ़ाई में अच्छी मात्रा में सरसों का तेल लेकर गर्म होने दें।

7: दाल को नीचे दिखाई गयी फ़ोटो अनुसार आकार दें। असल में यह आकार पारंपरिक आकार है। पहाड़ी लोग आमतौर पर इन्हें इस तरह का ही आकार देकर तैयार करते हैं।

8: हाथों पर न चिपके, इसके लिए आप हल्के हाथों पर पानी भी लगा सकते हैं। पकौड़े पर भीगी उंगली से तिल लगा लें।

तिल

 9: इसके बाद कढ़ाई में गर्म तेल में अच्छे से तल लें।

इस तरह से आप उड़द या काली दाल के पहाड़ी पकोड़े तैयार कर सकते हैं।

किसी भी मांगलिक कार्य, शादी समारोह या पर्व के मौकों पर उड़द की दाल के पकौड़ों को शगुन के तौर पर तैयार किया जाता है।

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