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गढ़वाल की पहाड़ी मिठाई अरसे बनाने की रेसिपी | How to make Uttarakhand Pahadi Garhwali Sweet Arse Recipe in Hindi |

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 अरसा क्या होता है | What is Garhwali Arsa Dish?

अरसा उत्तराखंड गढ़वाल का एक बहुत ही खाश पहाड़ी पकवान है। अरसे को पहाड़ी मिठाई भी कहा जाता है। स्वाद में मीठा अरसा काफी स्वादिष्ट होता है। अधिकतर पहाड़ी त्योहारों और अवसरों पर अरसे तैयार किये जाते हैं। गढ़वाल के पहाड़ों में जब चैत्र माह खत्म होने पर बैशाख माह के दौरान त्योहारों की शुरूआत होती है तो इस अवसर पर हर घर में अरसे तैयार किये जाते हैं। इस दौरान त्योहारों की शुरुआत होती है और हर घर में पूजन कार्य किये जाते हैं। पहाड़ी रीति रिवाज के अनुसार त्योहार के दौरान घर की बेटियों के लिए खाश अरसे भिजवाए जाते हैं। गढ़वाल के पहाड़ी लोग अरसे को वापसी उपहार के रूप में अपने मेहमानों और रिश्तेदारों को देते हैं।

अरसे को चावल के आटे से बनाया जाता है और अरसे में मिठाश के लिए गुड़ का उपयोग किया जाता है। क्योंकि चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता इसलिए अरसा सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होता है। अरसे को तेल में तला जाता है जिस वजह से अरसा जल्दी खराब नहीं होता और काफी समय तक रखा जा सकता है।

अधिकतर बाहरी लोगों को अरसे तैयार करने का तरीका नहीं पता है। इसलिए लोग बाजार से ही अरसा खरीद लेते हैं। काफी लोग समझते हैं कि अरसे तैयार करना एक मुश्किल काम है हालांकि ऐसा नहीं है। अरसे तैयार करने की विधि काफी आसान है। तो आइये आज जानते हैं कि कैसे घर पर आसानी से अरसे तैयार किये जा सकते हैं।

अरसे का इतिहास | History Of Arse dish |

अरसे का इतिहास भी काफी धार्मिक है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि जगतगुरू शंकराचार्य जी ने बद्रीनाथ  मंदिर और केदारनाथ  मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके अलावा गढ़वाल क्षेत्र में बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं, जिनका निर्माण शंकराचार्य ने ही करवाया था। इन मंदिरों के पुजारी दक्षिण भारत के ब्राह्मण होते हैं। माना जाता है कि नवीं सदी में दक्षिण भारत के ये ब्राह्मण गढ़वाल क्षेत्र में अरसालु लेकर आए थे। क्योंकि अरसे काफी समय तक खराब नहीं होते, तो सभी ब्राह्मण पोटली भरकर अरसालु यहाँ लाया करते थे। और फिर स्थानीय लोगों ने इन ब्राह्मणों से ही अरसे बनाने की कला सीखी। गढ़वाल में आज अरसालु को अरसा नाम से जाना जाता है।इतिहासकारों के अनुसार नवीं सदी के बाद से अरसा गढ़वाल का एक प्रमुख मिष्ठान है। इस अनुसार अरसे का इतिहास लगभग 1100 साल पुराना है।

अरसा कैसे बनाएं? How to make Arse dish?

अरसे बनाने का तरीका बहुत ही आसान है और इसको तैयार करने की आवश्यक सामग्रियां भी हर घर में मौजूद होती हैं। अरसे को कोई भी आसानी से घर पर तैयार कर सकता है।

अरसा बनाने की आवश्यक सामग्रियां | Arsa dish ingredients in Hindi |

चावल और चावल का आटा, गुड़ और गुड़ की चाशनी, रिफाइंड तेल, सफेद तिल आदि

अरसे बनाने की विधि | Arse dish recipe in Hindi |

अरसे बनाने के लिए चावल और गुड़ की मात्रा का मेल रखना काफी जरूरी होता है। उदाहरण के लिए अगर आप 1 किलो चावल ले रहे हैं तो आधा किलो गुड़ की आवश्यकता होगी।

1: अरसे बनाने के लिए सबसे पहले चावल को भिगोना होता है। अच्छे से चावल को धो लें और चावल भिगो कर लगभग 10-12 घंटे के लिए छोड़ दें।

***ध्यान दें कि आपको कोई महंगा चावल इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है। सस्ता और कच्ची वेराइटी का चावल अरसा बनाने के लिए सबसे अच्छा रहता है। पहाड़ों में लाल चावल का इस्तेमाल किया जाता है।

2: चावल 4-6 घंटे भीगने के बाद पूरी तरह से पानी को निकाल लें और फिर भीगे चावलों को 1-2 घंटे तक सूखने दें।

3: चावल के सूख जाने पर इसे पीसना होता है। पहाड़ों में ये काम ओखली पर किया जाता है। आप चावल को थोड़ा थोड़ा कर मिक्सर में भी पीस सकते हैं। इस तरह से पूरे चावल को पीस लें।

 4: चावल पीसने के दौरान आप गुड़ की चाशनी बनाने का काम भी कर सकते हैं। गैस चूल्हे के ऊपर बरतन में थोड़ा पानी डालकर उसमें गुड़ डाल लें। अब बरतन को गर्म करें और गुड़ की चाशनी बना लें।

 

5: अब एक बरतन में चावल का पिसा आटा निकाल लें और धीरे धीरे गुड़ की चाशनी को पिसे चावल में मिला लें। अब अच्छी तरह से इसे मिक्स कर लें और गूंथा हुआ आटा तैयार कर लें।

***ध्यान दें कि गूंथने के लिए पानी का इस्तेमाल नहीं करना है। मात्र पिसा चावल और गुड़ की चाशनी को मिलाकर ही आटा गूंथना है।

6: लगभग 5 से 10 मिनट तक गुंथे आटे को अच्छी तरह से मसलें और फिर गुंथे आटे को लगभग आधे घंटे के लिए ढककर रख लें। ढक कर रखने से आटा नरम हो जाता है।

7: इसके बाद चूल्हे पर कढ़ाई में तेल डाल कर गरम करें। अगर आप घी में तलना चाहते हैं तो घी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। हालांकि पहाड़ में अरसे मात्र तेल में ही बनाये जाते हैं।

8: अब हाथों पर थोड़ा तेल या घी लगाकर गुंथे आटे से अपनी सुविधानुसार आकार दे कर छोटे चपटे गोले बना लें।

*** हाथों पर घी या तेल लगाने से आटा हाथों पर चिपकता नहीं।

9: इसके बाद उंगलियों से सफेद तिल इनपर चिपका दें। सफेद तिल से अरसे का स्वाद और भी बढ़ जाता है। हालांकि गढ़वाल के पहाड़ में पहले बिना सफेद तिल के ही इन्हें बनाया जाता रहा है।

10: अब इन्हें गर्म रिफाइंड तेल या घी में डालकर तल लें। जब इनका रंग थोड़ा गहरा भूरा होने लगे तो तेल से निकाल लें।

इस तरह से उत्तराखंड गढ़वाल की पहाड़ी मिठाई अरसे बनकर तैयार हो जाती है। आज पहाड़ की इस स्वादिष्ट मिठाई अरसे की लोकप्रियता का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि शहरों में मिठाई की दुकानों पर अरसा 150 से 300 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। जिसे बहुत लोग खरीद रहें हैं।

पहाड़ीGlimpse की टीम को भरोसा है कि आज अरसा बनाने की विधि पढ़ने के बाद से आप घर पर ही अरसे बनाएंगे। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें।

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