उत्तराखंड का वर्णन | Brief Introduction to Uttarakhand |
मुख्य रूप से उत्तराखंड राज्य और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्यों के नाम से देश तथा विदेश में जाने जाते हैं। पहाड़ का जीवन और पर्यावरण हमेशा से बाहरी लोगों के लिए एक सुन्दर सपने जैसा रहा है। यहाँ की आबोहवा ही वह मुख्य कारण रही है कि देश विदेश के लोग पहाड़ में आ कर बस जाना चाहते हैं। लेकिन
पहाड़ का जीवन जीना हर किसी के लिए भी आसान नहीं!
कई सारी मूलभूत सुख सुविधाओं से वंचित पहाड़ के लोगों का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. पहाड़ के लोगों के सरल स्वभाव, साधारण जीवन, स्वच्छ हवा से लेकर पहाड़ के रीति रिवाज, संस्कृति, पौराणिक मंदिरों का इतिहास तथा लुभावने दृश्यों से भरपूर पर्यटक स्थल सभी लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र रहे हैं.
पहाड़ का जीवन जीना हर किसी के लिए भी आसान नहीं!
कई सारी मूलभूत सुख सुविधाओं से वंचित पहाड़ के लोगों का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. पहाड़ के लोगों के सरल स्वभाव, साधारण जीवन, स्वच्छ हवा से लेकर पहाड़ के रीति रिवाज, संस्कृति, पौराणिक मंदिरों का इतिहास तथा लुभावने दृश्यों से भरपूर पर्यटक स्थल सभी लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र रहे हैं.
उत्तराखंड राज्य का निर्माण 9 नवम्बर 2000 को हुआ था। पहले उत्तराखंड को उत्तराँचल नाम से जाना जाता था। उत्तराँचल राज्य देश का 27वां राज्य है जो उत्तरप्रदेश से अलग होकर बना था। उत्तराँचल का नाम उत्तराखंड, जनवरी 2007 में रखा गया। उत्तराखंड का अर्थ “उत्तर का स्थान” होता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी देहरादून और शीतकालीन राजधानी गैरसैण बनाया गया है।
उत्तराखंड पर्यटन | About Uttarakhand Tourism |
उत्तराखंड यहाँ की दैविक, पौराणिक इतिहास और खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। उत्तराखंड से हिंदू देवी देवताओं का हजारों-लाखों सालों पहले का जुड़ाव रहा है। इसलिए उत्तराखंड को देवभूमि उत्तराखंड के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड के कुछ बेहद दैविक चर्चित स्थान हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब आदि हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड के पहाड़ी स्थानों के गाँवों में अपने ईष्टदेव के प्रति गहरी श्रद्धा को भी देखा जा सकता है। उत्तराखंड में एक से बढ़कर एक खूबसूरत स्थान हैं जहाँ हर साल लाखों पर्यटक पहुँचते हैं। इसलिए उत्तराखंड की सरकार और स्थानीय लोगों की आर्थिकी मूलरूप से पर्यटन पर निर्भर करती है।
उत्तराखंड के पहाड़ों में आने के लिए आपके पास कई वजहें हैं। जग विख्यात धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, तथा यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड में हैं और हर साल लाखों लोग देश-विदेश से यहाँ दर्शन करने आते हैं. पवित्र गंगा नदी और यमुना नदी का उद्गम स्थान भी उत्तराखंड में है. प्रसिद्ध पर्यटक स्थान नैनीताल, हर्षिल, हर की दून, कौसानी, औली, चोपता और सरूताल इत्यादि उत्तराखंड में हैं. काफी सारे ट्रैकिंग स्थान जैसे केदारकांठा, नेलांग, गौमुख, बौख टिब्बा, चंद्रशिला इत्यादि भी उत्तराखंड में हैं. फूलों की घाटी, दयारा, डोडीताल जैसे अनेकों बुग्याल और झीलें भी उत्तराखंड में हैं जो साल भर पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ खींचती हैं।
पहाड़ के स्वच्छ पर्यावरण, अनुकूल तापमान, लुभावने मनमोहक दृश्यों के बीच स्वयं को पाकर हर इंसान अपने जीवन में जो शांति का अनुभव करता है वह किसी दूसरी चीज में महसूस नहीं किया जा सकता. पूरे साल हम जीवन की भागदौड़ में इतना व्यस्त रहते हैं कि हम जीवन के और पहलुओं को भूल जाते हैं. तो अगर आप महीने या साल में कुछ समय पहाड़ में बिताते हैं तो यह आपके शरीर और जीवन में एक नयी ऊर्जा का संचार कर देता है. आज जब हमारे खुद के देश में घूमने के लिए इतने सारे सुन्दर स्थान हैं फिर भी हम घूमने के लिए विदेशी स्थानों पर जाने के सपने देखते हैं जबकि विदेशों से पर्यटक यहाँ के पहाड़ों का रूख कर रहे हैं.
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उत्तराखंड का मौसम | Uttarakhand weather |
उत्तराखंड के 13 जिलों में से मात्र 3-4 जिलों में ही अधिकांश मैदानी भाग है। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड के सभी जिले पहाड़ी जिलों में ही आते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड का मौसम प्राय ठंडा ही रहता है। पहाड़ी जिलों के अधिकतर भागों में सर्दियों के दौरान बर्फवारी होना आम बात है। पहाड़ी पर्यटक स्थानों पर बाहर से आने वाले पर्यटकों को ध्यान रखना चाहिए कि वे गर्म कपडे अपने साथ लाएं। ठण्ड के मौसम में स्थिति खतरनाक भी हो जाया करती है। कई पहाड़ी हिल स्टेशन पर तापमान -10 डिग्री से भी कम हो जाता है।
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