यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड चार धाम यात्रा | Yamunotri Temple Yatra | How to reach from Dehradun in Hindi |

2
2774

 यमुनोत्री मंदिर यात्रा | Yamunotri Temple Yatra Uttarakhand Distance and Travel Guide in Hindi |

यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड में हिमालय की बंदरपूंछ श्रेणी की तलहटी में बसा पवित्र यमुना नदी का उद्गम स्थान है। भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो यमुना नदी लगभग 4400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चम्पासर ग्लेशियर से निकलती है। माँ यमुना को समर्पित यमुनोत्री मंदिर समुद्र तल से 3290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। ग्लेशियर मंदिर से भी लगभग 1000 मीटर की ऊंचाई पर है जहां तक पहुंचना बहुत ही कठिन है। हिमालय की बंदरपूंछ श्रेणी भारत और चीन की सीमा के बीच है। यमुनोत्री मंदिर पहाड़ी वादियों के बीच और यमुना नदी के किनारे बसा एक पवित्र हिन्दू धार्मिक स्थान है जहां हर वर्ष देश विदेश के लाखों तीर्थयात्री दर्शन करने पहुंचते हैं।

Yamunotri temple yatra uttarakhand in hindi

यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव माना जाता है। अधिकतर तीर्थयात्री सबसे पहले यमुनोत्री मंदिर ही पहुंचते हैं। इसके बाद क्रमशः गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन किये जाते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 5 किलोमीटर का पैदल पहाड़ी ट्रेक है जिसे काफी सारे यात्री घोड़े-खच्चर की मदद से पूरा करते हैं।

यमुनोत्री मंदिर का इतिहास | History of Yamunotri Temple |

यमुनोत्री मंदिर के इतिहास का वर्णन हिन्दू पौराणिक ग्रंथों और पुराणों में किया गया है। यमुना मां के अवतरण के बारे में केदारखंड में भी लिखा गया है। पुराणों में यमुना माता का वर्णन सूर्यपुत्री और यम सहोदरा नाम से भी किया गया है। महामयूरी ग्रंथ में कहा गया है कि यमुना नदी के आसपास का स्थान दुर्योधन का हुआ करता था। यही वजह है कि आज भी इस क्षेत्र में दुर्योधन की पूजा की जाती है। कालिंद पर्वत का वर्णन भी पुराणों में किया गया है।

यमुनोत्री मंदिर का निर्माण टिहरी गढ़वाल के राजा प्रतापशाह ने वर्ष 1919 में करवाया था। लेकिन कुछ ही समय बाद एक भीषण भूकंप में मंदिर को काफी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद यमुनोत्री मंदिर के पुनर्निमाण का कार्य जयपुर की महारानी गुलेरिया ने करवाया था।

Yamunotri temple yatra uttarakhand in hindi

यमुनोत्री मंदिर के आसपास गर्म पानी के काफी स्रोत भी हैं। इनमे से एक गर्म पानी का तप्तकुंड गढ़वाल क्षेत्र का सबसे अधिक गर्म पानी का कुंड है, जिसे सूर्यकुंड कहा जाता है। माना जाता है कि सूर्यकुंड का गर्म पानी यमुना नदी में मिल जाना भगवान सूर्यदेव का माँ यमुना को आशीर्वाद का रूप है। सूर्यकुंड के पानी का तापमान लगभग 195 डिग्री फ़ारेनहाइट रहता है। गर्म पानी के स्रोत से निकलने वाली ‘ओह्म’ की आवाज इसे रोचक बनाती है। सूर्यकुंड में श्रद्धालु चावल या आलू की पोटली को डालते हैं जो कि कुछ ही सेकेंडों में पक जाता है। इस पके हुए चावल/आलू को मंदिर के प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। सूर्यकुंड से थोड़ा दूर गौरीकुंड बनाया गया है। गौरीकुंड में सूर्यकुंड के गर्मपानी के साथ साथ यमुना नदी का ठंडा पानी छोड़ा जाता है। आकार में सूर्यकुंड से बड़े गौरीकुंड में श्रद्धालु स्नान करते हैं।

Yamunotri temple yatra uttarakhand in hindi

यमुनोत्री से लगभग 7 किलोमीटर की दूर सप्तऋषि कुंड भी स्थित है। माना जाता है कि यहां कुंड के पास सप्तऋषियों ने तपस्या की थी। यमुनोत्री से सप्तऋषि कुंड जाने का रास्ता काफी कठिन है।

ALSO READ ABOUT जनक ताल ट्रेक गंगोत्री उत्तरकाशी | Janak Tal Trek Travel Guide |

यमुनोत्री कैसे पहुंचे? How to Reach Yamunotri temple from Dehradun in Hindi?

यमुनोत्री की देहरादून से दूरी लगभग 182 किलोमीटर है। यमुनोत्री पहुंचने के लिए देहरादून से सामान्यता मोटरमार्ग ही उपलब्ध है। हालांकि स्थान बड़कोट तक हेलीकॉप्टर से भी पहुंचा जा सकता है। बड़कोट से यमुनोत्री की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है।

सड़क मार्ग से यमुनोत्री मंदिर कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri temple by road?

सड़क मार्ग से यमुनोत्री मंदिर जाने के लिए देहरादून से 2 रास्ते हैं। हालांकि दोनों ही रास्ते कुछ दूरी बाद यमुना पुल स्थान पर मिल जाते हैं जहां से यमुनोत्री मंदिर की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है।

MUST READ हरिद्वार से यमुनोत्री मंदिर की दूरी और जाने का सही रास्ता | Haridwar to Yamunotri Distance and Best way to reach in Hindi |

देहरादून से यमुनोत्री जाने का दूसरा रास्ता विकासनगर से होते हुए जाता है। विकासनगर से होते हुए लगभग 8-10 किलोमीटर का अधिक सफर कर यमुना पुल पहुंचते हैं। यह रास्ता विकासनगर तक मैदानी रास्ता है जबकि विकासनगर के बाद यहां भी आपको पहाड़ी दृश्यों का आनंद उठाने का मौका मिलेगा।

दोनों ही रास्तों पर अच्छी सड़क देखने को मिलती है। हालांकि विकासनगर मार्ग पर ज्यादा चौड़ी सड़क देखने को मिलती है।

यमुना पुल के बाद यमुनोत्री के लिए एक ही रास्ता जाता है।

देहरादून से यमुनोत्री के बीच के स्थान| Major destinations between Dehradun to Yamunotri temple yatra |

Major destinations between Dehradun to Yamunotri in hindi

देहरादून से यमुनोत्री, मसूरी मार्ग द्वारा | Dehradun to Yamunotri temple distance through Mussoorie |

देहरादून से यमुनोत्री जाने का पहला रास्ता मसूरी से होते हुए जाता है। यह पूरी तरह से पहाड़ी रास्ता है। मसूरी एक प्रसिद्ध पर्यटक हिल स्टेशन है जिस वजह से कई बार इस रास्ते पर ट्रैफीक जाम देखने को मिलता है। हालांकि अधिकतर पर्यटक मसूरी से ही जाना पसंद करते हैं क्योंकि यह रास्ता काफी सुंदर दृश्य देते हुए यमुना पुल पहुंचता है।

देहरादून से मसूरी मार्ग द्वारा यमुनोत्री के बीच प्रमुख स्थान  Major Destinations Between Dehradun-Yamunotri through Mussoorie Road |

देहरादून– मसूरी- कैम्पटी फॉल- यमुना पुल– नैनबाग- डामटा- नौगांव– बड़कोट- दोबाटा– छटांगा- खरादी-कुथनोर-स्यानाचट्टी- हनुमानचट्टी- जानकीचट्टी यमुनोत्री

dehradun to yamunotri distance yatra in hindi barkot uttarkashi
बड़कोट
dehradun to Yamunotri temple yatra uttarakhand in hindi
Contact Us @पहाड़ीGlimpse

देहरादून से यमुनोत्री, विकासनगर मार्ग द्वारा | Dehradun to Yamunotri temple distance through Vikasnagar |

देहरादून– सेलाकुई – विकासनगर- लखवाड़ बांध- जुद्दो- यमुना पुल– नैनबाग- डामटा- नौगांव– बड़कोट- दोबाटा– छटांगा- खरादी- कुथनोर-स्यानाचट्टी- हनुमानचट्टी- जानकीचट्टी यमुनोत्री

रेल मार्ग से यमुनोत्री मंदिर कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri temple by train?

रेल मार्ग द्वारा यमुनोत्री पहुंचने का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून ही है। जिसके बाद सड़क मार्ग द्वारा ही यमुनोत्री पहुंचा जा सकता है।

हवाई मार्ग से यमुनोत्री मंदिर कैसे पहुंचे? How to reach Yamunotri temple by flight?

हवाई मार्ग से यमुनोत्री पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है।

यमुनोत्री पहुंचने के लिए यात्री हेलीकॉप्टर सुविधा भी ले सकते हैं। यमुनोत्री का सबसे निकटतम हेलीपेड, बड़कोट हेलीपैड है। बड़कोट हेलिपैड से यमुनोत्री की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है, जिसे सड़क मार्ग से तय करना होता है।

यमुनोत्री पहुंचने के लिए देहरादून से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 177 किलोमीटर की दूरी तय कर जानकीचट्टी पहुंचा जाता है। जानकीचट्टी से यमुनोत्री के लिए 5 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करने के बाद यमुनोत्री मंदिर पहुंचते हैं।

यमुनोत्री पहुंचने का सबसे अच्छा समय | Best time to reach Yamunotri temple in Hindi |

यमुनोत्री पहुंचने का सबसे अच्छा समय चार धाम यात्रा के दौरान कपाट खुलने के 2 महीने बाद तक है। आमतौर पर यमुनोत्री मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया के दौरान मई के महीने में खुल जाया करते हैं। यमुनोत्री मंदिर पहुंचने का सबसे अच्छा समय मई-जून का महीना है। इसके बाद बरसात शुरू हो जाया करती है और पहाड़ी मार्गों पर बरसात के दौरान सफर करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। बरसात के बाद सितंबर माह से मंदिर के कपाट बंद होने तक भी यमुनोत्री पहुंचने का अच्छा समय है। हालांकि इस दौरान पर्यटक काफी ठंड का अनुभव कर सकते हैं। यमुनोत्री मंदिर के कपाट आम तौर पर भाई दूज के दौरान नवंबर माह में बंद हो जाते हैं।

best time to visit yamunotri temple yatra uttarakhand in hindi

यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास के लिए माता यमुना की डोली खरसाली गांव के मंदिर में लायी जाती है। अगले वर्ष के कपाट खुलने तक सभी भक्त माता के दर्शन खरसाली के इस मंदिर में ही करते हैं। खरसाली गांव यमुनोत्री स्थान से पहले लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर जानकीचट्टी के ठीक सामने बसा एक बहुत ही सुंदर गांव हैं।

Yamunotri temple yatra uttarakhand in hindi
खरसाली मंदिर

यमुनोत्री का तापमान और मौसम | Yamunotri Temperature and Weather |

yamunotri temperature in hindi

समुद्र तल से लगभग 3290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यमुनोत्री स्थान का तापमान काफी कम ही रहता है। यमुनोत्री का मौसम गर्मियों के दौरान काफी सुहावना बना रहता है। वहीं सर्दियों में यहां कड़ाके की ठंड और बर्फवारी का होना भी सामान्य बात है। यमुनोत्री में बारिश होने पर तापमान एक दम से गिर जाता है। इसलिए पर्यटकों को सर्दियों के उचित कपड़ों के साथ यहां पहुंचना चाहिए।

YAMUNOTRI WEATHER

यमुनोत्री से गंगोत्री की दूरी | Yamunotri to Gangotri Distance |

यमुनोत्री से गंगोत्री की दूरी लगभग 230 किलोमीटर है। यमुनोत्री से गंगोत्री की दूरी तय करने में सामान्यता 7 घण्टे का समय लग जाता है। उत्तराखंड चार धाम यात्रा का दूसरा पड़ाव गंगोत्री मंदिर है। गंगोत्री के पास गोमुख ग्लेशियर, पवित्र गंगा नदी का उद्गम स्थान है। यहां नदी को भागीरथी नदी के नाम से जाना जाता है। भागीरथी नदी आगे चलकर देवप्रयाग स्थान पर अलकनंदा नदी के साथ मिल जाती है जहां से इसे गंगा नदी के नाम से जाना जाता है।

yamunotri temple to gangotri distance in hindi
गंगोत्री मंदिर

यमुनोत्री से गंगोत्री का सफर सड़क मार्ग से आसानी से किया जा सकता है। सड़क अच्छी है और पर्यटक काफी लुभावने दृश्यों को देखते हुए पहाड़ी रास्तों से गंगोत्री तक पहुंचते हैं।

yamunotri temple to gangotri distance in hindi harsil valley
हरसिल

यमुनोत्री से गंगोत्री के बीच के प्रसिद्ध स्थान | Major destinations between Yamunotri temple to Gangotri distance route|

यमुनोत्री – जानकीचट्टी – स्यानाचट्टी – खरादी – दोबाटा – राड़ी/सिलक्यारा – ब्रह्मखाल – धरासू – उत्तरकाशी – गंगानी – सुखी टॉप – झाला – हरसिल गंगोत्री
ALSO KNOW ABOUT  ऋषिकेश से केदारनाथ मार्ग | Rishikesh to Kedarnath Distance Guide |

***यात्री कृपया ध्यान दें कि ऊपर बताए गए सभी स्थान पहाड़ी हैं और ऐसे स्थान आमतौर पर ठंडे रहते हैं तो कृपया पूरी तैयारी के साथ ही ऐसे स्थानों पर पहुंचे। इसके साथ ही कोशिश करें कि बरसात में पहाड़ी पर्यटक स्थानों पर घूमने न जाएं क्योंकि बरसात के मौसम में पहाड़ी सड़कें आमतौर पर खतरनाक हो जाया करती है। साथ ही सुंदरता का पूरा लुफ्त उठाएं लेकिन कृपया गंदगी न करें और स्थानीय लोगों की निजता का ध्यान रखें।***

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
हमारे इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करने के लिए यहाँ क्लिक करें।

2 COMMENTS