उत्तराखंड की टॉप 10 लोकल डिशेज़: पहाड़ों का स्वाद जो हर किसी को भा जाए
उत्तराखंड न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक स्थलों के लिए मशहूर है, बल्कि यहाँ का स्थानीय भोजन भी लोगों को अपनी सादगी और स्वाद से दीवाना बना देता है। पहाड़ी इलाकों की जलवायु और संसाधनों के अनुसार यहाँ के व्यंजन तैयार होते हैं, जिनमें पौष्टिकता के साथ-साथ परंपरा की झलक भी मिलती है।
अगर आप उत्तराखंड घूमने की योजना बना रहे हैं, तो ये टॉप 10 उत्तराखंडी डिशेज़ जरूर चखें:
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1. भट की चुड़कानी (Bhatt ki Churkani)
कहाँ से: कुमाऊं क्षेत्र
मुख्य सामग्री: भट (काले सोयाबीन), दही, मसाले
खासियत: लोहे की कढ़ाई में बनी ये डिश स्वाद के साथ सेहत से भरपूर होती है।
खाने का तरीका: गरम चावल के साथ परोसी जाती है।
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2. आलू के गुटके (Aloo ke Gutke)
कहाँ से: गढ़वाल और कुमाऊं दोनों
मुख्य सामग्री: उबले आलू, सरसों के दाने, लाल मिर्च
खासियत: उत्तराखंड का सबसे पॉपुलर स्नैक, जो चटपटा और झटपट बनने वाला है।
खाने का तरीका: भांग की चटनी और रोटी के साथ।
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3. फाणू (Phanu)
कहाँ से: गढ़वाल क्षेत्र
मुख्य सामग्री: विभिन्न दालों का पेस्ट (अरहर, मसूर, गहत)
खासियत: धीमी आंच पर पकाई जाती है जिससे इसका स्वाद और बढ़ जाता है।
खाने का तरीका: चावल के साथ खाई जाती है।
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4. कापा (Kaapa)
कहाँ से: कुमाऊं
मुख्य सामग्री: पालक, लहसुन, जीरा
खासियत: यह एक तरह की पालक की करी होती है जिसमें लोहे की कढ़ाई का स्वाद झलकता है।
खाने का तरीका: गरम रोटी या चावल के साथ।
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5. चैंसू (Chainsoo)
कहाँ से: गढ़वाल
मुख्य सामग्री: भूनी हुई उड़द या चना दाल
खासियत: भूनी दाल से बना यह व्यंजन स्वाद में थोड़ा खट्टा-तीखा होता है।
खाने का तरीका: घी और गरम चावल के साथ खाएं।
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6. गहत की दाल / गहत के पराठे
कहाँ से: पूरे उत्तराखंड में
मुख्य सामग्री: गहत (कुलथ) की दाल
खासियत: यह दाल शरीर को गर्म रखती है, खासकर सर्दियों में लाभकारी।
खाने का तरीका: पराठों में भरकर या दाल के रूप में खाएं।
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7. झंगोरा की खीर
कहाँ से: कुमाऊं
मुख्य सामग्री: झंगोरा (barnyard millet), दूध, इलायची
खासियत: हल्की और सुपाच्य मिठाई जो पारंपरिक मिठास लिए होती है।
खाने का तरीका: खाने के बाद मिठाई के रूप में।
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8. अरसा (Arsa)
कहाँ से: कुमाऊं और गढ़वाल
मुख्य सामग्री: चावल का आटा, गुड़
खासियत: त्योहारों और शादियों में बनने वाली मीठी डिश।
खाने का तरीका: नाश्ते या चाय के साथ।
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9. भांग की चटनी
कहाँ से: हर जगह
मुख्य सामग्री: भांग के बीज, हरी मिर्च, नींबू
खासियत: तीखी, चटपटी और मुंह में पानी लाने वाली चटनी।
खाने का तरीका: आलू के गुटके या रोटी के साथ।
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10. सौली/झोली (Jholi)
कहाँ से: गढ़वाल
मुख्य सामग्री: दही, बेसन, मसाले
खासियत: खट्टी करी जैसी डिश जो digestion में मदद करती है।
खाने का तरीका: चावल या रोटी दोनों के साथ।
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कहाँ चखें ये व्यंजन?
घूमघाम Café – Almora, Mukteshwar
Garhwali Bhawan – Rishikesh
Local Home-stays – Joshimath, Ukhimath, Bageshwar, Tehri
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निष्कर्ष
उत्तराखंड की ये पारंपरिक डिशेज़ सिर्फ पेट नहीं भरतीं, बल्कि दिल में उतर जाती हैं। हर डिश के पीछे एक संस्कृति है, एक कहानी है। अगली बार जब आप उत्तराखंड जाएं, तो न केवल प्रकृति का आनंद लें बल्कि इन स्थानीय व्यंजनों का स्वाद जरूर लें।