गुलाबी कांठा ट्रेक | Gulabi kantha Trek Uttarkashi distance from Dehradun in Hindi |
गुलाबी कांठा ट्रेक यमुनोत्री क्षेत्र में लगभग 12000 फिट(अनुमानत) की ऊंचाई पर स्थित एक रमणिक ट्रेक है। गुलाबी कांठा के शिखर से हिमालय की बंदरपूंछ श्रेणी का बहुत ही सुंदर नजारा मिलता है। इस जगह का नाम गुलाबी कांठा इसलिए है क्योंकि शाम को धूप ढलते समय यहां पर गुलाबी रंग की रोशनी से बर्फ के पहाड़ और आसमान का आश्चर्यजनक दृश्य देखने को मिलता है। गुलाबी कांठा ट्रेक शिखर से सूरज को उगते हुए और ढलते हुए देखने का नजारा काफी रोमांचक है।
गुलाबी कांठा शिखर से हिमालय बन्दरपूँछ श्रेणी का दृश्य |
गुलाबी काँठा ट्रेक करते हुए ट्रेकर्स खूबसूरत वादियों से होते हुए जंगलों के बीच से होते हुए सीमाथाच बुग्याल पहुँचते हैं। सीमाथाच बुग्याल में लोकल लोग अपनी पशु चरवाने आते हैं। ट्रेकर्स को यहाँ बकरियों के झुण्ड के साथ लोकल लोग मिल जाते हैं। ट्रेक के दौरान पड़ने वाले अनेकों प्रकार के सुगन्धित जंगली फूल, पेड़-पौधे, कुछ छोटे जंगली जानवर पक्षियां और प्रकृति के सुन्दर नज़ारे ट्रेकर्स का मन मोह लेते हैं।
गुलाबी कांठा से हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं जैसे ब्लैक पीक, स्वर्गारोहिणी, शिवालिक रेंज, बाली पास, सरूताल रेंज, केदारकांठा, फाचकांडी पास, चौखम्बा पीक आदि का 360° नजारा भी मिलता है। यही सब वजहें गुलाबी कांठा ट्रेक को उत्तराखंड के मशहूर विंटर ट्रेक में से एक बनाता है।
गुलाबी कांठा पहुंचने का रास्ता | How to do Gulabi Kantha Trek from Dehradun |
गुलाबी कांठा ट्रेक की शुरुआत स्थान हनुमान चट्टी से होती है। हनुमान चट्टी, गुलाबी कांठा ट्रेक का बेस कैंप है। हनुमान चट्टी यमुनोत्री नेशनल हाइवे पर पड़ने वाला एक छोटा सा गांव है। देहरादून से हनुमानचट्टी की सड़क मार्ग दूरी लगभग 170 किलोमीटर है।
हनुमान चट्टी से गुलाबी कांठा ट्रेक शिखर तक पहुंचने के लिए लगभग 15 किलोमीटर का ट्रेक करना होता है। सामान्यता हनुमानचट्टी से गुलाबी कांठा का ट्रेक 4 दिन में पूरा किया जाता है। ट्रेक में बीच में काफी गांव आते हैं जिसमें निसली गांव, कंडोंला गांव, सीमाथाच बुग्याल आदि हैं। काफी स्थानीय लोग 15 किलोमीटर के इस ट्रेक को एक दिन में ही पूरा कर लेते हैं।
दिल्ली से गुलाबी कांठा कैसे पहुंचे | How to reach Gulabi kantha Trek From Delhi |
दिल्ली से गुलाबी कांठा ट्रेक पहुंचने के लिए ट्रेकर्स को सबसे पहले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पहुंचना होगा।दिल्ली से देहरादून पहुँचने के लिए ट्रेकर्स सड़क, फ्लाइट और रेल मार्ग आदि से देहरादून पहुँच सकते हैं। सड़क मार्ग से देहरादून ISBT, हवाई मार्ग से देहरादून जॉलीग्रांट हवाई अड्डा और रेल मार्ग से देहरादून प्रिंस चौक रेलवे स्टेशन पहुंचा जाता है।
देहरादून से गुलाबी कांठा ट्रेक सड़क मार्ग द्वारा | Dehradun to Gulabi kantha Trek distance by road |
गुलाबी कांठा ट्रेक करने के लिए ट्रेकर्स को पहले दिन देहरादून पहुंचना होगा। देहरादून से गुलाबी कांठा ट्रेक के बेस कैम्प हनुमानचट्टी की दूरी 170 किलोमीटर है। ट्रेकर्स देहरादून के बाद बड़कोट पहुंच सकते हैं। देहरादून से बड़कोट सड़क मार्ग दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। देहरादून से बडकोट के लिए पर्याप्त मात्रा में टैक्सी सुविधाएँ उपलब्ध। है। बड़कोट, यमुनोत्री मार्ग पर पड़ने वाला काफी चर्चित स्थान है जहां काफी होटल और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
फोटो क्रेडिट Wanderlust Pahadi |
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बड़कोट से हनुमानचट्टी की सड़क दूरी लगभग 40 किलोमीटर है जिसे लगभग 2 घंटे में पूरा किया जा सकता है।
हनुमानचट्टी से गुलाबी कांठा ट्रेक शिखर | Hanumanchatti to Gulabi kantha trek summit distance |
हनुमानचट्टी से गुलाबी कांठा शिखर तक का पैदल ट्रेक पूरा कर वापस हनुमानचट्टी पहुँचने में 4 दिन लगते हैं। क्योंकि ट्रेक पहाड़ी रास्तों के है तो बाहरी लोगों को यह ट्रेक आराम से करना चाहिए। किसी भी तरह की जल्दबाजी नुकसानदेह हो सकती है।
गुलाबी कांठा ट्रेक का पहला दिन | First Day Of Gulabi kantha Trek :
पहले दिन की सुबह ट्रेकर्स हनुमानचट्टी से पैदल ट्रेक शुरू करते हैं। पहाड़ी रास्तों का आनन्द लेते हुए निसनी गांव से पानी भर कर ट्रेकर्स कंडोंला गांव पहुंचते हैं। कंडोंला गांव हनुमानचट्टी से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है। 5 किलोमीटर का यह सफर सामान्यता 4-5 घंटे में पूरा कर लिया जाता है। कंडोंला में टैंट-कैम्प लगाकर पहले दिन यहीं रुका जाता है। गांव के लोग बहुत ही खुले दिल के हैं और हर तरह से यात्रियों की मदद करने को तैयार रहते हैं।
गुलाबी कांठा ट्रेक का दूसरा दिन | Second Day Of Gulabi kantha Trek :
दूसरे दिन कंडोंला से लगभग 6 किलोमीटर का ट्रेक कर सीमाथाच बुग्याल पहुंचा जाता है। कंडोंला गांव के बाद कोई भी गांव नहीं है हालांकि लोगों की छानियाँ(पशुओं को रखने का घर) और खेत हैं। कंडोंला गांव के बाद नल का पानी भी नही मिलता। सीमाथाच में और इसके बाद ट्रेकर्स को मात्र प्राकृतिक स्रोत द्वारा ही पानी मिल सकता है। दूसरे दिन का टेंट-कैम्प सीमाथाच बुग्याल में ही लगाया जाता है। सीमाथाच की प्राकृतिक सुंदरता के बीच रात बिताने का रोमांच ही अलग है। सीमाथाच खुली जगह पर है शायद इस वजह से यहां मोबाईल नेटवर्क भी आसानी से मिल जाता है।
गुलाबी कांठा ट्रेक का तीसरा दिन | Third Day Of Gulabi kantha Trek :
तीसरे दिन सीमाथाच से गुलाबी कांठा शिखर के लिए ट्रेक किया जाता है। लगभग 4 किलोमीटर के यह ट्रेक खड़ी चढ़ाई का है। इसे पूरा करने में सामान्यता 5 से 6 घंटे लग सकते हैं। शिखर पर पहुंचकर चारों तरह की हिमालय चोटियों का अद्भुत नजारा मिलता है। कुछ समय यहां बिताकर ट्रैकर्स इसी दिन वापस सीमाथाच पहुंचते हैं।
गुलाबी कांठा ट्रेक का चौथा दिन | Fourth Day Of Gulabi kantha Trek :
चौथे दिन ट्रेकर्स सीमाथाच से हनुमानचट्टी का ट्रेक करते हैं, क्योंकि ढलान पर उतरना थोड़ा आसान होता है। अगर समय पर पहुंचे तो इसी दिन हनुमानचट्टी से बड़कोट पहुंचा जा सकता है।
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गुलाबी कांठा का मौसम और तापमान | Gulabi Kantha weather and temperature |
गुलाबी कांठा हिमालयी क्षेत्र में लगभग 12000 फिट की ऊंचाई पर है। यहां बर्फीली हवाओं का होना सामान्य सी बात है और इसलिए यहां काफी ठंड होना भी स्वाभाविक है। नवंबर के बाद सीमाथाच से गुलाबी कांठा तक बर्फ का होना आम बात है। अगर ठंड ज्यादा रहती है तो हनुमानचट्टी तक भारी बर्फ देखी जाती है। इस क्षेत्र का तापमान सामान्यतया 5 डिग्री से -10 डिग्री तक देखा जाता है।
गुलाबी कांठा पहुंचने का अच्छा समय | Best time to reach Gulabikantha Trek |
गुलाबी कांठा एक विंटर ट्रेक माना जाता है। इस ट्रेक को पूरा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर-नवंबर का महीना है। हालांकि साल के अन्य महीनों में भी यह ट्रेक किया जा सकता है। लेकिन ज्यादा ठंड और बरसात के समय इस ट्रैक को करना थोड़ा खतरनाक हो सकता है। वहीं गर्मियों के दौरान यह ट्रेक करना ज्यादा रोमांचक नहीं होगा।
उत्तरकाशी जिले के गुलाबी कांठा ट्रेक, सरूताल ट्रेक, केदारकांठा ट्रेक और अन्य ट्रेक करने के लिए और किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए पहाड़ीGlimpse से संपर्क करें।
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