हरसिल वैली | उत्तराखंड का स्विट्ज़रलैंड | Harsil Valley Uttarakhand Distance and How to reach | In Hindi |

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हरसिल वैली उत्तराखंड | How To Reach Harsil Valley Uttarakhand Distance and Travel Guide in Hindi | 

हरसिल वैली समुद्र तल से 9006 फिट की ऊंचाई पर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक चर्चित पहाड़ी पर्यटक स्थान है। उत्तरकाशी से हरसिल की मोटर मार्ग दूरी लगभग 85 किलोमीटर की है। हरसिल, गोमुख-गंगोत्री से आने वाली भागीरथी नदी के दोनों तरफ बसा हुआ है। वादियों के बीच बसा यह स्थान अपनी

खूबसूरती के लिए हमेशा से देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां साल भर ठंडक महसूस की जा सकती है। सर्दियों के मौसम में हरसिल में बहुत बर्फबारी होती है जिससे तापमान काफी हद तक गिर जाता है। प्रसिद्ध गंगोत्री धाम यहां से मात्र 25 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके साथ ही मिनी लद्दाख नाम से जानी जाने वाली नेलांग घाटी यहां से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। खूबसूरत गरतांग गली ब्रिज भी हरसिल से कुछ ही दूरी पर है।   

हरसिल का वर्णन | Harsil Valley Uttarakhand  |

हरसिल, गंगोत्री मार्ग पर सड़क से लगा हुआ है। भागीरथी नदी के दोनों ओर बसा हुआ यह गांव भारतीय सेना का बेस कैम्प भी है। हरसिल में दो छोटी नदियां जालंधरी और ककोड़ा नदी भी हैं जो यहीं भागीरथी नदी में मिल जाती हैं। प्रमुख पर्यटक स्थान होने की वजह से यहाँ काफी सारे होटल और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।

हरसिल यहां की राजमा दाल, सेब और आलू के लिए जाना जाता है। हरसिल सेब उत्पादन में उत्तराखंड का एक प्रमुख स्थान है। 19 वीं शताब्दी में ब्रिटिशर विलसन ने यहाँ पहले सेब के पौधे का पौधरोपण किया था। हर साल यहाँ सेब की प्रतियोगिता और प्रदर्शनी भी लगती है जिसमे काफी दूर दूर से लोग अपने बगीचे के सबसे अच्छे सेब लेकर आते हैं। प्रतियोगिता में सबसे अच्छे सेब को पुरूस्कृत किया जाता है।

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अखरोट भी यहां काफी मात्रा में पाया जाता है। हरसिल के सेब और राजमा दाल की मांग काफी दूर-दूर तक है। यहाँ की राजमा बाजारों में हरसिल की राजमा नाम से ही बिकती है। इसके अतिरिक्त हरसिल के सेब, हरसिल के अखरोट आदि की भी बाहरी लोगों के बीच काफी मांग है।

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हरसिल की राजमा दाल
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कुछ साल पहले तक सेना के आदेश पर हरसिल में बाहरी पर्यटकों का का घूमना वर्जित था लेकिन अभी विदेशी पर्यटक भी यहाँ घूम और रुक सकते हैं।

हरसिल से क्यारकोटी के लिए ट्रैकिंग का रास्ता भी है। हालाँकि 2020-21 में एक दुर्घटना के बाद से यह ट्रेक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था।

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हरसिल के आसपास घूमने के स्थान | Places To Visit Near Harsil Valley Uttarakhand |

हरसिल मार्ग पर जंगली बकरियों(घ्वेर) का झुण्ड:

1: गंगोत्री

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2: गोमुख

गोमुख गंगा नदी का उद्गम स्थान है। गोमुख पहुँचने के लिए गंगोत्री से लगभग 20-25 किलोमीटर का पैदल ट्रेक है जिसके लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है।

3: मुखवा

मुखवा गाँव माँ गंगा का मायका है और शीतकालीन सत्र के दौरान यहाँ स्थित मंदिर में गंगा माँ की डोली को रखा जाता है। जबकि ग्रीष्मकालीन सत्र में यात्रा के दौरान गंगा माँ की डोली गंगोत्री के मंदिर में विराजती है।

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गंगा माता मंदिर, मुखवा

4: नेलांग घाटी

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नेलांग वैली, हरसिल से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर एक गाँव है जो अपनी अद्भुत घाटियों के लिए जाना जाता है। इसी वजह से नेलांग को मिनी लद्दाख भी कहा जाता है।

 

5: लंका पुल

यह पुल एशिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित पुलों में से एक है। यह पुल, हरसिल से लगभग 15 किलोमीटर आगे गंगोत्री मार्ग पर पड़ता है।

6: भैरों घाटी

भैरों घाटी में भैरव मंदिर स्थित है। इस मंदिर की एक खासियत इसमें स्थित छोटी सी सुरंग है। दर्शन करने के लिए इसी सुरंग से पहुंचा जाता है। भैरों घाटी से नेलांग घाटी के लिए रास्ता निकलता है।

7: सेब के बगीचे

सेब के उत्पादन के लिए ठन्डे स्थान ही अनुकूल होते हैं। हरसिल और आसपास के इलाकों में सेब के काफी सारे बगीचे देखने को मिल जाते हैं। हरसिल से धराली जाने पर भी सेब के बहुत बड़े-बड़े बगीचे सड़क से लगे हुए हैं। सेब यहाँ के स्थानीय निवासियों के आय का एक मुख्य स्रोत है।

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सेब का बगीचा, हरसिल

8: क्यारकोटि ट्रेकिंग

9: दयारा बुग्याल ट्रेकिंग

MUST SEE दयारा बुग्याल ट्रेक के बारे में जानकारी | Dayara Bugyal Trek Distance From Uttarkashi |

कैसे पहुंचे देहरादून से हरसिल? How To Reach Harsil Valley Uttarakhand from Dehradun?

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सड़क मार्ग द्वारा हरसिल कैसे पहुंचे | How to reach Harsil Valley Uttarakhand from Dehradun by road |

हरसिल पहुंचने के लिए सबसे पहले उत्तरकाशी पहुंचना होता है। राज्य की राजधानी देहरादून से उत्तरकाशी की न्यूनतम मोटरमार्ग दूरी लगभग 145 किलोमीटर है। 145 किलोमीटर का यह मार्ग सुवाखोली से होते हुए जाता है। देहरादून से उत्तरकाशी के बीच कुछ स्थानों के नाम क्रमशः सुवाखोली, रौतु की वैली, मोरियाना, चिन्यालीसौड़, धरासू, मातली, ज्ञानसू  हैं। इसके बाद उत्तरकाशी से हरसिल की मोटरमार्ग दूरी लगभग 85 किलोमीटर है जिसे तय  करने में लगभग 3 घंटे का समय लग जाता है। इसके अतिरिक्त ऋषिकेश से चम्बा मोटर मार्ग होते हुए भी उत्तरकाशी पहुंचा जाता है। बड़कोट से भी राडी, धरासू होते हुए उत्तरकाशी पहुंचा जाता है।

सड़क मार्ग द्वारा हरसिल कैसे पहुंचे | How to reach Harsil valley Uttarakhand from Rishikesh by road |

ऋषिकेश से गंगोत्री हाईवे पर चंबा एवं उत्तरकाशी होते हुए हरसिल पहुंचा जा सकता है। यह लगभग 260  किलोमीटर का सफर है।  देहरादून से सुवाखोली मार्ग द्वारा चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी होते हुए हरसिल पहुँचने के लिए 235 किमी की दूरी तय करनी होती है ।

हवाई मार्ग से हरसिल कैसे पहुंचे | How to reach Harsil valley Uttarakhand by Air |

हवाई मार्ग द्वारा हरसिल पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है जहाँ से हरसिल की मोटरमार्ग दूरी लगभग 235 किलोमीटर है।

रेलवे मार्ग से हरसिल कैसे पहुंचे | How to reach Harsil vallley Uttarakhand by Train |

रेल मार्ग द्वारा पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है जहाँ से नेलांग घाटी लगभग 260 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त रेलमार्ग द्वारा देहरादून तक भी पहुंचा है।

हरसिल का मौसम और तापमान | Harsil Valley Uttarakhand Weather |

समुद्र तल से इतनी ज्यादा ऊंचाई पर होने के कारण हरसिल में मौसम सालभर ठंडा बना रहता है। जहां गर्मियों में हरसिल का मौसम बहुत सुहावना रहता है, वहीं सर्दियों में यह स्थान बर्फ से पट जाता है। यहां तक पहुंचने के रास्ते भी बर्फबारी के कारण बंद पड़ जाते हैं। सर्दियों में ठंड इतनी ज्यादा होती है कि स्थानीय निवासी भी यहां से उत्तरकाशी के अन्य स्थानों में रहने को आ जाते हैं। इस दौरान यहाँ के स्कूल भी लगभग 45-60 दिन तक बंद रहते हैं। इतनी ज्यादा ठंड के बीच जल स्रोतों में, नलों में पानी का जम कर बर्फ बन जाना आम बात है।

गर्मियों के दौरान भी यहाँ ठंडक महसूस की जा सकती है। गर्मियों में दिन की चिलचिलाती धूप में ठंडी हवाओं का बहना ठंडक का अनुभव करवाती है। बरसात के दौरान यहाँ काफी बारिश भी होती है जिससे छोटी नदियों के साथ-साथ भागीरथी नदी का जलस्तर खतरनाक रूप में बढ़ जाता है। बरसात के मौसम में भूस्खलन की वजह से आये दिन मोटरमार्ग बंद होते रहते हैं।

हरसिल का तापमान | Harsil Valley Uttarakhand Temperature Today  |

HARSIL WEATHER

गर्मियों में हरसिल का तापमान(अप्रैल से जून तक)| Harsil Valley Uttarakhand Temperature In Summer |

अधिकतम: लगभग 30℃
न्यूनतम: लगभग 10℃

मानसून में हरसिल का तापमान(जुलाई से सितंबर तक) | Harsil Valley Uttarakhand Temperature In Monsoon |

अधिकतम: लगभग 20℃
न्यूनतम: लगभग 2-8℃

सर्दियों में हरसिल का तापमान(अक्टूबर से फरवरी तक) | Harsil Valley Uttarakhand Temperature In Winter |

अधिकतम: लगभग 0℃
न्यूनतम: लगभग -15℃ और कम

हरसिल जाने का सबसे अच्छा समय | Best Time To reach Harsil Valley Uttarakhand |

हरसिल जाने के लिए आमतौर पर गर्मियों के मौसम अच्छा होता है। गंगोत्री मार्ग पर होने के कारण चारधाम यात्रा के पर्यटक इस समय इस मार्ग पर होते हैं। बरसात के मौसम में बारिश के कारण यहां सड़कें खराब होती रहती है और सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण सड़कें बंद रहती हैं। हालांकि भारतीय सेना का बेस कैम्प इस मार्ग पर होने के कारण मोटर मार्ग ज्यादा देर तक के लिए बंद नहीं रहते।

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फोटो का स्रोत : Ashish Dobhal

सेना का इस मार्ग पर होना स्थानीय निवासियों के लिए वरदान से कम नहीं है। आये दिन विकट परिस्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदा, मेडिकल इमरजेंसी में स्थानीय लोगों तथा पर्यटकों को भारतीय सेना की मदद मिलती रहती है।

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हिंदुस्तान अख़बार, 4th मई 2022
 यहाँ पहुँचने वाले पर्यटकों को ठण्ड से बचने के आवश्यक सामान हर समय अपने साथ रखने चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में ईंधन अपने पास रखें क्योंकि स्थान मनेरी में ही अंतिम पेट्रोल-डीजल पम्प उपलब्ध है।  मनेरी से हरसिल की दूरी लगभग 55 किलोमीटर की है।

****कृपया पर्यटक स्थानों पर गंदगी न फैलाएं। साथ ही स्थानीय लोगों की निजता का ध्यान रखें।****

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