एशिया चीड़ महावृक्ष समाधि उत्तराखंड | How to reach Asia Tallest Tree Uprooted Uttarakhand In Hindi |

0
949
Tallest tree in asia hanol uttarakhand

एशिया चीड़ महावृक्ष समाधि | Asia Tallest Tree in Uttarakhand |

asia tallest tree uprooted dehradun uttarakhand in hindi
महावृक्ष की समाधि

एशिया चीड़ महावृक्ष, एशिया महाद्वीप का सबसे ऊँचा वृक्ष है जिसकी समाधि को उत्तरकाशी जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र में संरक्षित कर के रख गया है। असल में यह वृक्ष आंधी आने के बाद धराशाही

हो गया था जिसके बाद वन विभाग द्वारा उसी स्थान पर इसे संग्रहालय में समाधि बनाकर संरक्षित किया गया है। प्रसिद्ध महासू देवता मंदिर, हनोल के रास्ते में पड़ने वाली महावृक्ष की समाधि को देखने प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक आते रहते हैं।

महावृक्ष की समाधि भासला बीट नाम के स्थान पर जौनसार बावर क्षेत्र उत्तरकाशी जिले में बनाई गई है।

asia tallest tree uprooted uttarakhand in hindi

भासला स्थान, पुरोला से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां से 6 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करने पर महासू देवता मंदिर, हनोल है। महावृक्ष की समाधि उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक महासू देवता मंदिर के दर्शन के लिए हनोल पहुंचते रहते हैं।

asia tallest tree uprooted uttarakhand in hindi
महासू देवता मंदिर, हनोल

महावृक्ष की समाधि हनोल मार्ग पर पड़ने वाला एक अच्छा स्थान है जहां पर पर्यटकों का रुकना आम बात है।

महावृक्ष का इतिहास | History Of Asia Tallest Tree Uprooted Uttarakhand |

एशिया चीड़ महावृक्ष 2007 में आई एक आंधी में धराशाही हो गया था। जिसके बाद इसी स्थान पर महावृक्ष की समाधि बनाई गई है। कहा जाता है कि महावृक्ष लगभग 210 साल पुराना है। चीड़ के इस महावृक्ष की ऊंचाई 60.65 मीटर है। जिसके बाद वर्ष 1997 में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा इस वृक्ष को महावृक्ष घोषित किया गया था।
महावृक्ष समाधि के पास लगाये गए बोर्ड में लिखी जानकारी के अनुसार वृक्ष जड़ से ऊपर लगभग 3.5 फिट तक खोखला हो चुका था। इस वजह से 2 से 5 जनवरी 2007 तक वृक्ष का उपचार भी चल था। लेकिन फिर आंधी आने के कारण इसी वर्ष महावृक्ष धराशाही हो कर गिर गया था। जिसके बाद उसके अवशेषों को संग्रहालय बना कर संरक्षित कर लिया गया था।

वन विभाग द्वारा हर साल 1 जुलाई से 7 जुलाई तक प्रदेश भर में आयोजित होने वाले वन महोत्सव के अंतर्गत इस क्षेत्र में पौधारोपण किया जाता है।

asia tallest tree uprooted uttarakhand in hindi

 MORI WEATHER

कैसे पहुंचे एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि | How to reach the tomb of Asia tallest pine tree uprooted Uttarakhand |

एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि पहुँचने के काफी रास्ते हैं। हिमाचल प्रदेश की ओर से भी काफी पर्यटक मोटर मार्ग द्वारा यहाँ पहुँचते हैं। उत्तराखंड में एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि तक पहुँचने के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता चकराता से होते हुए जाता है जबकि दूसरा रास्ता पुरोला से होते हुए जाता है। दोनों ही रास्ते लगभग समान दूरी के हैं। पुरोला की तरफ से जाने पर महावृक्ष की समाधि महासू देवता मंदिर, हनोल से 6 किलोमीटर पहले पड़ता है।

MUST READ हर की दून ट्रेक उत्तरकाशी उत्तराखंड | Har Ki Dun Trek Distance From Dehradun in Hindi |

देहरादून से एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि कैसे पहुंचे | How to reach the tomb of Asia tallest pine tree uprooted Uttarakhand from Dehradun |

राज्य की राजधानी देहरादून से चकराता होते हुए एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि की मोटर मार्ग दूरी लगभग 180  किलोमीटर है जबकि पुरोला होते हुए दूरी 174 किलोमीटर है। जिसको तय करने में लगभग 6-7 घंटे का समय लगता है। आप देहरादून से टैक्सी भी बुक करवा सकते हैं। दोनों ही मार्ग पहाड़ी वादियों से होते हुए निकलते हैं। देहरादून से पुरोला, मोरी के लिए मोटर वाहन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

हवाई मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि | How to reach the tomb of Asia tallest pine tree uprooted Uttarakhand by air |

हवाई मार्ग द्वारा एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है जहाँ से  की मोटरमार्ग दूरी लगभग 200 किलोमीटर है।

रेल मार्ग द्वारा कैसे पहुंचे एशिया चीड़ महावृक्ष की समाधि | How to reach the tomb of Asia tallest pine tree uprooted Uttarakhand by train |

रेल मार्ग द्वारा पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून रेलवे स्टेशन है जहाँ से महावृक्ष समाधि लगभग 175 किलोमीटर है।

MUST READ लाखामंडल शिव मंदिर | मृत इंसान भी हो जाता है जिन्दा | Lakhamandal Temple Chakrata Dehradun Complete Travel Guide In Hindi |

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।
हमारे इंस्टाग्राम पेज को फॉलो करने के लिए यहाँ क्लिक करें.