चोपता से तुंगनाथ ट्रेक | How to Reach Chopta to Tungnath Trek Distance |
तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड के प्रसिद्व पंचकेदार मंदिरों में से दूसरा मंदिर है। उत्तराखंड के पहाड़ी जिले रुद्रप्रयाग में पड़ने वाला तुंगनाथ मंदिर भगवान शिव का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित धाम है। उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक चोपता से तुंगनाथ मंदिर के लिए पैदल ट्रेक निकलता है। लगभग 3600 मीटर की ऊंचाई
पर स्थित तुंगनाथ मंदिर क्षेत्र एक भारी बर्फवारी वाली क्षेत्र है। हर साल चार धाम यात्रा के दौरान हजारों लाखों की संख्या में पर्यटक केदारनाथ मंदिर पहुंचते हैं, जिनमे से काफी पर्यटक तुंगनाथ मंदिर भी पहुंचते हैं। चोपता से तुंगनाथ मंदिर ट्रेक लगभग 3.5 किलोमीटर का एक मध्यम वर्ग का ट्रेक है जिसे आसानी से किया जा सकता है। लेकिन भारी बर्फवारी के समय यह ट्रेक करना काफी मुश्किल हो जाता है और इस समय एक लोकल गाइड की जरूरत पड़ जाती है। केदारनाथ पहुँचने वाले यात्री केदारनाथ से तुंगनाथ ट्रेक भी पहुँचते हैं।
तुंगनाथ मंदिर का इतिहास | History of Tungnath Temple |
तुंगनाथ स्थान का इतिहास भगवान राम से भी जुड़ा है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम जी ने अपने जीवन के कुछ पल यहां एकांत में बिताए थे। तुंगनाथ मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है। महाभारत युद्ध के बाद पांडव काफी परेशान थे क्योंकि युद्ध में उन्हें अपनो को मारना पड़ा था। इस परेशानी और व्याकुलता को लेकर पांडव महर्षि व्यास के पास पहुंचे जिन्होंने पांडवो को बताया कि अपने भाइयों और गुरुओं को मारने से उन पर ब्रह्महत्या का पाप लगा है। महर्षि व्यास ने पांडवों को बताया कि इस पाप से उन्हें मात्र महादेव शिव ही बचा सकते हैं।
इसके बाद पांडव भगवान शिव से मिलने हिमालय पहुंचे। महाभारत युद्ध के बाद से भगवान शिव पांडवो से नाराज थे। भगवान शिव ने भैंसे का रूप धारण कर लिया। जब पांडव समझ गए तो भीम ने भैसों के झुंड का पीछा किया। एक पहाड़ी के बीच भीम ने दोनों पैर दोनों तरफ लगा कर झुंड को रोकना चाहा। सभी भैंसे भीम के पैरों के नीचे से निकल गए लेकिन भगवान शिव रूपी भैंस भीम के नीचे से नहीं निकले और वहीं धरती में समा गए। माना जाता है कि भगवान शिव रूपी भैंस के शरीर के हिस्से पांच जगहों पर छूटे। यही पांच स्थान केदारधाम, अर्थात पंचकेदार कहलाये। प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में भैंस का कूबड़ है।
तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव के हृदय और भुजाओं की पूजा होती है। मंदिर में पूजा मात्र मक्कामथ गांव के स्थानीय ब्राह्मणों द्वारा की जाती है।
तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवो द्वारा किया गया था। पंचकेदार मंदिरों में तुंगनाथ सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है। तुंगनाथ के पास चंद्रशिला चोटी स्थित है जहां भगवान राम ध्यान पर बैठे थे। युद्ध में रावण को मारने के बाद ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त होने के लिए भगवान राम शिवजी से मिलने यहां आए थे। चंद्रशिला की तुंगनाथ से दूरी लगभग 1.5 किलोमीटर है। चंद्रशिला 14000फिट ऊंची चोटी है जहां तक ट्रेकिंग भी की जाती है।
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक की दूरी | Chopta to Tungnath Trek Distance |
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक |
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक की दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर है। सर्दियों में जब तुंगनाथ में भारी बर्फवारी होटी है तो इससे पहले शिवलिंग को चोपता लाया जाता है। इस दौरान सभी ग्रामीण पूरे जोर शोर से ढोल दमाऊ के साथ शिवलिंग को चोपता लाते है। गर्मियों के दौरान शिवलिंग को वापस तुंगनाथ मंदिर ले जाया जाता है। लगभग 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चोपता एक पठारी क्षेत्र है जो अधिकतर बर्फ से ढका रहता है। चोपता की खूबसूरती पर्यटकों के बीच काफी चर्चित है। सालभर काफी संख्या में पर्यटक चोपता पहुंचते रहते हैं।
बर्फ़बारी के बाद चोपता |
चोपता केदारनाथ से बद्रीनाथ मार्ग पर सड़क से लगा स्थान है। चोपता को मिनी स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। प्राकृतिक सुंदरता के बीच बसा यह छोटा सा हिल स्टेशन स्वर्ग से कम नहीं।
चोपता कैसे पहुंचे? How to reach Chopta from Dehradun?
चोपता पहुँचने के लिए पर्यटक मात्र सड़क मार्ग से ही जा सकते हैं। चोपता पहुँचने के दो रास्ते हैं।
देहरादून से चोपता पहुँचने का सड़क मार्ग 1 | Reaching Dehradun to Chopta Distance by Route 1 |
पहला रास्ता गोपेश्वर होते हुए है। देहरादून से गोपेश्वर की सड़क दूरी 247 किलोमीटर है। इसके बाद गोपेश्वर से चोपता की सड़क दूरी 40 किलोमीटर है। अर्थात देहरादून से गोपेश्वर होते हुए चोपता पहुंचने के लिए 287 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। यह रास्ता काफी अच्छा है और मार्ग पर सार्वजनिक वाहन भी उपलब्ध है।
देहरादून से चोपता पहुँचने का सड़क मार्ग 2 | Reaching Dehradun to Chopta Distance by Route 2 |
दूसरा रास्ता उखीमठ होते हुए है। देहरादून से उखीमठ की सड़क दूरी 216 किलोमीटर है। इसके बाद उखीमठ से चोपता की सड़क दूरी 40 किलोमीटर है। अर्थात देहरादून से उखीमठ होते हुए चोपता पहुंचने के लिए 256 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है। यह रास्ता गोपेश्वर मार्ग की तुलना में ज्यादा अच्छा नहीं है। अधिकतर केदारनाथ दर्शन के बाद बद्रीनाथ इसी मार्ग से जाया जाता है।
हवाई मार्ग से चोपता | How to reach Chopta by air |
चोपता पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार की डायरेक्ट हवाई मार्ग सुविधा उपलब्ध नहीं है। निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है। हालांकि हेलीकॉप्टर द्वारा निकटतम हेलीपैड फाटा पहुंचा जा सकता है। फाटा से चोपता की सड़क मार्ग दूरी लगभग 60 किलोमीटर है।
रेलवे मार्ग से चोपता | How to reach Chopta by Train |
चोपता पहुंचने के लिए फिलहाल किसी भी प्रकार की डायरेक्ट रेल मार्ग सुविधा उपलब्ध नहीं है। निकटतम रेलवे अड्डा ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है।
चोपता से तुंगनाथ ट्रेकिंग | Chopta to Tungnath Trek Guide in Hindi |
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक की शुरुआत होती है। यह ट्रेक लगभग 3.5 किलोमीटर का है। ट्रेक सीमेंट का बना रास्ता है। अगर बर्फ न हो तो बाहरी पर्यटकों द्वारा चोपता से तुंगनाथ ट्रेक को लगभग 2-3 घंटे में आसानी से किया जा सकता है। तुंगनाथ मंदिर से सूर्यास्त के नजारा काफी रोमांचक है। ट्रेक के दौरान काफी तरह के पेड़ पौधों और छोटे बड़े जानवर पक्षियों को देखने का अवसर भी मिल सकता है। इसके अलावा चारों तरफ़ की हिमालयी चोटियों का खूबसूरत नजारा मिलता है।
चोपता से तुंगनाथ कैसे पहुंचे? How to Reach Chopta to Tungnath trek distance?
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक को मात्र एक दिन में भी किया जा सकता है। चोपता से तुंगनाथ 3.5 किलोमीटर का ट्रैक है जिसे अधिकतम 3 घंटे में पूरा किया जा सकता है। ट्रेकर्स सुबह ट्रेक की शुरुआत करें तो शाम तक वापस चोपता पहुंच सकते हैं। तुंगनाथ के पास रहने की सुविधाएं कम ही हैं इसलिए अधिकतर लोग वापस चोपता आ जाते हैं।
चोपता का तापमान | Temperature in Chopta |
चोपता में तापमान साल के हर महीने सुहावना रहता है। चोपता का तापमान अलग अलग मौसम में -10 डिग्री से 25 डिग्री के बीच बना रहता है। यहां यात्रियों को ठंड से बचने के कपड़े हर मौसम में साथ रखने चाहिए।
तुंगनाथ का तापमान | Temperature in Tungnath |
तुंगनाथ हिमालयी चोटियों के बीच काफी ऊंचाई पर स्थित है। यहां का तापमान -20 डिग्री से 15 डिग्री के आसपास बना रहता है।
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक करने का सही समय | Best time to reach Chopta to Tungnath trek distance |
चोपता से तुंगनाथ ट्रेक को साल के किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी की वजह से तुंगनाथ मंदिर के कपाट नवंबर से अप्रैल तक बंद रहते हैं। इस वजह से मैं से अक्टूबर के समय चोपता से तुंगनाथ ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। बर्फ के दौरान ट्रेक पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि बर्फ इतनी ज्यादा होती है कि तुंगनाथ मंदिर भी लगभग 6-8 फिट बर्फ से ढक जाता है।
चोपता-तुंगनाथ ट्रेक के आसपास घूमने के स्थान | Popular places to visit near Chopta to Tungnath trek |
1: देवरिया ताल
2: उखीमठ
उखीमठ के मंदिर में केदारनाथ कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की डोली का शीतकालीन प्रवास होता है।
3: केदारनाथ मंदिर
4: त्रियुगीनारायण मंदिर
5: चंद्रशिला ट्रेक
ट्रेक से हिमालय चोटियों का नजारा |
चंद्रशिला ट्रेक तुंगनाथ से आगे मात्र 1.5 किलोमीटर है।
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[…] केदारनाथ और तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड पंचकेदार में से दो मंदिर हैं। दोनों मंदिर हिन्दू आस्था का प्रतीक हैं और रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हैं। केदारनाथ से तुंगनाथ की दूरी लगभग 88 किलोमीटर की है। 88 किलोमीटर की दूरी में केदारनाथ से गौरीकुंड पैदल ट्रेक और चोपता से तुंगनाथ पैदल ट्रेक भी शामिल है। सड़क मार्ग गौरीकुंड से चोपता के बीच है। केदारनाथ से तुंगनाथ की कुछ दूरी को हेलीकॉप्टर द्वारा भी पूरा किया जा सकता है। केदारनाथ मंदिर यात्रा की पूरी जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। साथ ही तुंगनाथ मंदिर यात्रा की पूरी जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें। […]