बद्रीनाथ मंदिर यात्रा उत्तराखंड | Badrinath Temple Yatra Uttarakhand | How To Reach Hindi Travel Guide |
बद्रीनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,300 मीटर की ऊंचाई पर उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। उत्तराखंड चार धामों में से एक, बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। हिमालय की तलहटी में स्थित बद्रीनाथ मंदिर उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दौरान हजारों-लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है। ऋषिकेश से लगभग 215 किलोमीटर की दूर बद्रीनाथ मंदिर तक पर्यटक मोटर मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच पाते हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर की तरह यहां पहुंचने के लिए पैदल ट्रेक नहीं करना होता। बद्रीनाथ मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे बसा है, जो कि चमोली जिले के सतोपंथ ताल ग्लेशियर से निकलती है।
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बद्रीनाथ मंदिर का इतिहास | History of Badrinath Temple |
बद्रीनाथ मंदिर का इतिहास अपने आप में एक रोचक कहानी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जिस जगह आज बद्रीनाथ मंदिर है वह भगवान शिव का स्थान था। एक समय भगवान विष्णु जब ध्यान के लिए स्थान ढूंढ रहे थे तब भगवान विष्णु को अलकनंदा के तट पर यह स्थान बहुत पसंद आ गया था। भगवान विष्णु ने बच्चे का रूप धारण किया और ऋषिगंगा-अलकनंदा नदी के संगम स्थान पर रोने लगे। बच्चे के रोने की आवाज सुनकर भगवान शिव और माता पार्वती उसके पास पहुंचे। जब बच्चे से पूछा गया कि उसे क्या चाहिए तो बच्चे ने ध्यानयोग के लिए शिवभूमि को मांग लिया। इस तरह भगवान विष्णु ने भगवान शिव व माता पार्वती से यह स्थान प्राप्त किया था। यह पवित्र स्थान बद्रीविशाल नाम से आज भी जाना जाता है। शालिग्राम के पत्थर पर वहां बद्रीनारायण की छवि राह गयी थी।
सोलहवीं शताब्दी के गढ़वाल राजा ने बद्रीनारायण की इस मूर्ति की स्थापना दूसरे स्थान पर एक मंदिर में कर दी। साथ ही यह भी मन जाता है कि बद्रीनाथ मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य जी ने करवाया था। लगभग 15 मीटर ऊंचे इस मंदिर को आज बद्रीनाथ मंदिर नाम से जाना जाता है। बद्रीनाथ मंदिर में 15 मूर्तियां और भगवान विष्णु की लगभग 1 मीटर ऊंची काले पत्थर की प्रतिमा भी देखने को मिलती है।
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“बद्रीनाथ” नाम के पीछे की कहानी | Story behind “Badrinath” name |
बद्रीनाथ मंदिर का नाम बद्रीनाथ क्यों पड़ा? असल में इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है। कहा जाता है कि एक बार जब माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु से नाराज हो कर मायके चली गयी तब भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को मनाने के लिये तपस्या की थी। यह तपस्या वे बेड के जंगल में कर रहे थे। बेड को “बदरी” भी कहा जाता है। भगवान विष्णु बेड के पेड़ पर बैठकर यह तपस्या की थी, इसलिए माता लक्ष्मी ने उन्हें “बद्रीनाथ” नाम दिया था।
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बद्रीनाथ पहुंचने का सबसे अच्छा समय | Best time to visit Badrinath Temple |
उत्तराखंड चार धाम यात्रा की शुरुआत होने के बाद से ही हजारों-लाखों की संख्या में देश विदेश से पर्यटक हर साल यहां पहुंचते हैं। बद्रीनाथ पहुंचने का सबसे अच्छा समय चार धाम यात्रा खुलने के बाद लगभग अप्रैल माह से बरसात के मौसम के पहले तक है। बरसात के मौसम के बाद से बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने तक भी यहां पहुंचा जा सकता है। जुलाई से अगस्त सितंबर के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में काफी बारिश होती है जिससे भूस्खलन, नदियों का उफान, सड़क मार्ग दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। हर साल अधिकतर लोग ऋषिकेश से बद्रीनाथ और हरिद्वार से बद्रीनाथ यात्रा की शुरुआत करते हैं।
बद्रीनाथ दूरी चार्ट | Badrinath Distance from Major Cities |
बद्रीनाथ कैसे पहुंचे? How to reach Badrinath Temple?
बद्रीनाथ यात्रा की शुरुआत यात्री सामान्यता ऋषिकेश-हरिद्वार से ही करते हैं। चार धाम यात्रा कर रहे यात्री केदारनाथ मंदिर के दर्शन के बाद बद्रीनाथ मंदिर पहुंचते हैं।
सड़क मार्ग से बद्रीनाथ | How to reach Badrinath Temple by road |
सड़क से बद्रीनाथ पहुंचने के लिए यात्रियों को ऋषिकेश से लगभग 291 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। सड़क मार्ग में पड़ने वाले कुछ स्थान ऋषिकेश-देवप्रयाग-श्रीनगर-रुद्रप्रयाग-जोशीमठ- बद्रीनाथ हैं।
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हरिद्वार से बद्रीनाथ कैसे पहुंचे | How to reach Badrinath from Haridwar by road |
हरिद्वार से बद्रीनाथ के बीच प्रमुख स्थान | Major Destinations between Haridwar to Badrinath Route |
रेल मार्ग से बद्रीनाथ | How to reach Badrinath Temple by Train |
रेल मार्ग से बद्रीनाथ पहुंचने का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश ही है। यहां से यात्री टैक्सी या बस से सड़क मार्ग द्वारा बद्रीनाथ पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग से बद्रीनाथ | How to reach Badrinath Temple by air |
हवाई मार्ग से बद्रीनाथ पहुंचने के लिए निकटतम एयरपोर्ट देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट है। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से बद्रीनाथ की सड़क मार्ग दूरी लगभग 230 किलोमीटर है।
हेलीकाप्टर से बद्रीनाथ | How to reach Badrinath by Helicopter |
बद्रीनाथ के लिए डायरेक्ट हेलीकाप्टर सुविधा देहरादून के सहस्त्रधारा हेलिपैड से उपलब्ध है। हेलीकाप्टर बुकिंग आसानी से ऑनलाइन की जा सकती है।
******यात्री कृपया ध्यान दें कि किसी भी तरह की ऑनलाइन बुकिंग्स सरकारी पोर्टल पर ही करें। अन्य किसी के झांसे में न आएं।******
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बद्रीनाथ के पास के अच्छे स्थान | Places to visit near Badrinath Temple |
जोशीमठ | Joshimath
नर सिंह मंदिर, जोशीमठ |
वसुधरा वाटर फॉल | Vashudhara water fall
सतोपंथ ताल | Satopanth lake
औली | Auli
फूलों की घाटी नेशनल पार्क | Valley of flowers National park
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हेमकुंड साहिब | Hemkund sahib
बद्रीनाथ का मौसम और तापमान | Badrinath Weather | Badrinath Temperature |
बद्रीनाथ मंदिर हिमालय की गोद में लगभग 3,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बद्रीनाथ का मौसम आमतौर पर ठंडा ही बना रहता है। गर्मियों में बद्रीनाथ का मौसम सुहावना लगता है तो ठंड के मौसम में यहां भारी बर्फवारी देखी जा सकती है। बद्रीनाथ पहुंचने वाले यात्री ध्यान रखें कि हर मौसम में अपने साथ गर्म कपड़े लेकर ही पहुंचे।
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