धारीदेवी मंदिर श्रीनगर गढ़वाल | Dhari Devi Temple Srinagar from Rishikesh in HIndi |
धारीदेवी मंदिर, अलकनंदा नदी के तट पर श्रीनगर गढ़वाल से लगभग 14 किलोमीटर दूर रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। यह मंदिर अलकनंदा नदी में बनी झील के बीचों बीच स्थित है। मंदिर में काली माता को धारीदेवी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि माँ धारीदेवी उत्तराखंड के चार धामों की रक्षा करती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि माँ धारीदेवी पहाड़ों और तीर्थयात्रियों की रक्षक है। धारीदेवी मंदिर में स्थित मूर्ति के बारे में एक आश्चर्यजनक बात यह है कि यह मूर्ति एक दिन में अलग-अलग रूप में दिखती है। 2013 में मंदिर से मूर्ति को हटाया गया था, जिसके फलस्वरूप माना जाता है कि 2013 जैसी भीषण आपदा देखने को मिली।
धारीदेवी मंदिर का इतिहास | History of Dhari devi Temple in Hindi |
धारीदेवी मंदिर का इतिहास लगभग 600 साल पुराना माना जाता है। श्रीमद्भागवत के अनुसार यह मंदिर भारतीय 108 शक्तिपीठ में से एक है। धारीदेवी मंदिर के इतिहास के बारे में यह माना जाता है कि बहुत पहले भयानक बाढ़ में किसी मंदिर से माता की मूर्ति बहकर यहां धारो गांव के पास आ गयी थी। यह मूर्ति धारो गाँव में नदी के पास एक चट्टान पर फंस गई थी। इसके बाद गांव वालों को मूर्ति के बारे में पता चला और एक दिव्य आवाज के अनुसार मूर्ति को वहीं पर स्थापित किया गया।
हर साल नवरात्रों के दौरान कलियासौड़ की विशेष पूजा में दूर दूर से श्रद्धालु माता धारीदेवी का आशीर्वाद लेने यहां पहुंचते हैं।
धारीदेवी मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्य | Dhari devi Temple Mystery in Hindi |
धारीदेवी मंदिर के प्रति गढ़वाल के लोगों में अटूट श्रद्धा है। धारीदेवी मंदिर के बारे में कुछ आश्चर्यजनक बातें हैं जिसका प्रमाण समय-समय पर देखने को मिला है।
1: धारीदेवी मंदिर 2013 से पहले अलकनंदा नदी तट पर स्थित एक चट्टान पर बना था। उस समय अलकनंदा नदी पर चल रहे श्रीनगर बांध से झील बन गयी थी। इस वजह से मूर्ति को उसके मूल स्थान से हटाया गया था । अब इसे संयोग कहें या कुछ और, लेकिन मूर्ति को मूल स्थान से हटाए जाने के कुछ ही घन्टे में उस क्षेत्र ने एक के बाद एक बादल फटने जैसी घटनाओं का सामना किया। यह सुनामी के बाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा रही जिसमें केदारनाथ धाम में भी बहुत जान-माल की क्षति हुई।
UPDATE JAN 2023: 9 सालों के बाद धारीदेवी को फिर से अपने मूल स्थान पर विराजमान कर दिया गया है।
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माना जाता है कि इससे पहले 1882 में भी एक राजा ने इस तरह के प्रयास किये जिसके बाद केदारनाथ में इसके भयंकर परिणाम देखे गए।
2: धारीदेवी मंदिर में विराजमान माता की मूर्ति की विशेषता है कि यह दिन में 3 बार अपने रूप बदलती है। सुबह यह एक छोटी कन्या की तरह दिखती है, दिन में एक युवती की तरह दिखती है, जबकि शाम के समय एक बूढ़ी औरत की तरह दिखाई पड़ती है।
3: धारीदेवी मंदिर के प्रति स्थानीय लोगों की गहरी श्रद्धा है। मंदिर के अंदर मूर्ति की फ़ोटो लेना वर्जित है। स्थानीय लोगों की मानें तो आजतक जो भी व्यक्ति मंदिर के अंदर की फ़ोटो लेकर गया है उसने इसके भयंकर परिणाम देखे हैं। ऐसे व्यक्ति पश्च्याताप करने वापस धारीदेवी मंदिर पहुँचते हैं। शायद यही वजह है कि मंदिर के आसपास धार्मिक दुकानों में सिर्फ मंदिर की बाहर की फ़ोटो ही देखने को मिलती है। स्थानीय लोग और मंदिर के सदस्य बार-बार बाहरी श्रद्धालुओं को मंदिर के अंदर की फ़ोटो न लेने की चेतावनी देते रहते हैं।
4: इस क्षेत्र में होने वाले सभी निर्माण कार्यों से पहले धारीदेवी माता की इजाजत ली जाती है। माता का आशीर्वाद मिलने के बाद ही निर्माण कार्य किये जाते हैं।
5: 2013 की आपदा के बाद से मंदिर को ठीक उस ही जगह पर झील के ऊपर बनाया गया। आज यह मंदिर झील के बीचों-बीच ठीक उस ही स्थान पर स्थित है।
*****मंदिर परिसर के आसपास बंदरों से सावधान रहें। *****
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धारीदेवी दूरी चार्ट | Dhari devi Temple Distance Chart from Major cities |
- देहरादून से धारीदेवी मंदिर | Dehradun to Dhari devi temple Srinagar distance : 157 किलोमीटर
- ऋषिकेश से धारीदेवी मंदिर | Rishikesh to Dhari devi temple Srinagar distance : 124 किलोमीटर
- हरिद्वार से धारीदेवी मंदिर | Haridwar to Dhari devi temple Srinagar distance : 148 किलोमीटर
- दिल्ली से धारीदेवी मंदिर | Delhi to Dhari devi temple Srinagar distance : 382 किलोमीटर
- लखनऊ से धारीदेवी मंदिर | Lucknow to Dhari devi temple Srinagar distance : 856 किलोमीटर
- हल्द्वानी से धारीदेवी मंदिर | Haldwani to Dhari devi temple Srinagar distance : 366 किलोमीटर
- देवप्रयाग से धारीदेवी मंदिर | Devprayag to Dhari devi Srinagar temple distance : 48 किलोमीटर
- कोटद्वार से धारीदेवी मंदिर | Kotdwar to Dhari devi temple Srinagar distance : 145 किलोमीटर
धारीदेवी मंदिर कैसे पहुंचे | How to reach Dhari devi Temple distance |
धारीदेवी मंदिर, श्रीनगर गढ़वाल शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है। इसलिए धारीदेवी मंदिर पहुंचने के लिए सबसे पहले श्रीनगर पहुंचना होता है।
हवाई मार्ग से धारीदेवी मंदिर कैसे पहुंचे | Dhari devi Temple distance by flight |
हवाई मार्ग द्वारा धारीदेवी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट है। जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से धारीदेवी मंदिर लगभग 136 किलोमीटर दूर है। जॉलीग्रांट से टैक्सी या बस द्वारा श्रीनगर-धारीदेवी मंदिर पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग से धारीदेवी मंदिर कैसे पहुंचे | Dhari devi Temple distance by train from Rishikesh |
रेल मार्ग द्वारा धारीदेवी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन से धारीदेवी मंदिर लगभग 120 किलोमीटर दूर है। ऋषिकेश से टैक्सी या बस द्वारा आसानी से श्रीनगर-धारीदेवी मंदिर पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से धारीदेवी मंदिर कैसे पहुंचे | How to reach Dhari devi Temple distance by road |
सड़क मार्ग द्वारा धारीदेवी मंदिर पहुंचने के लिए निकटतम बस अड्डा श्रीनगर बस अड्डा है। श्रीनगर बस स्टैंड पहुंचने के बाद लोकल टैक्सी की मदद से धारीदेवी मंदिर पहुंचा जा सकता है। यहां से धारीदेवी मंदिर लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क से लगभग 300 मीटर पैदल चलना होता है।
देहरादून, ऋषिकेश बस स्टैंड से श्रीनगर बस स्टैंड के लिए पर्याप्त मात्रा में बस उपलब्ध हैं।
ऋषिकेश से धारीदेवी मंदिर कैसे पहुंचे | How to reach Dhari devi temple distance from Rishikesh |
ऋषिकेश से धारीदेवी मंदिर की सड़क मार्ग दूरी लगभग 124 किलोमीटर है। यह दूरी टैक्सी, बस या निजी वाहन द्वारा आसानी से तय की जा सकती है। ऋषिकेश से धारीदेवी मंदिर पहुंचने में लगभग 3-4 घन्टे का समय लगता है। ऋषिकेश से धारीदेवी मंदिर की सड़क काफी अच्छी है।
श्रीनगर से धारीदेवी मंदिर |
ऋषिकेश से धारीदेवी मंदिर के बीच मुख्य स्थान | Major places in reaching Dhari devi Temple distance from Rishikesh |
ऋषिकेश ➜व्यासी ➜तीन धारा➜ देवप्रयाग ➜बागवान➜ मलेथा➜ कीर्तिनगर➜ श्रीनगर ➜धारीदेवी मंदिर
Devprayag to Dhari devi temple |
धारीदेवी मंदिर पहुंचने का सबसे अच्छा समय | Best time to reach Dhari devi Temple distance in Hindi |
धारीदेवी मंदिर साल के किसी भी समय पहुंचा जा सकता है। लेकिन नवरात्रों के दौरान धारीदेवी मंदिर पहुंचना सबसे अच्छा रहता है।
धारीदेवी मंदिर कलियासौड़ श्रीनगर का तापमान | Dhari devi Srinagar Temperature |
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