सरुताल ट्रेक उत्तरकाशी | How to Reach Saru Tal Trek Barkot Uttarkashi Distance in Hindi |
सरुताल, समुद्र तल से लगभग 13800 फिट की ऊंचाई पर उत्तरकाशी जिले के बड़कोट क्षेत्र में स्थित 40 किलोमीटर से भी अधिक का एक पैदल ट्रेक है। सरुताल जाने का मार्ग घने चीड़, देवदार वृक्ष के जंगलों से होता हुआ जाता है। यह ट्रेक इतनी ऊंचाई तक
जाता है जहां चारों तरफ न ही कोई पेड़ पौधे और न ही किसी जीव-जंतु की उपस्थिति दिखती है, यहां मात्र बर्फ ही दिखती है। सरुताल को मां रेणुका/सरस्वती का पावन स्थल माना जाता है। यहां ताल के पास तीन मंदिर भी बनाये गए हैं। सरुताल प्राकृतिक जल का एक ताल है। अधिक ऊंचाई पर होने के कारण यहां लगभग हर महीने बर्फ रहती है। सरूताल ट्रेक करने का सही समय मई-जून का महीना और बरसात के बाद से अक्टूबर तक का है। अगस्त के महीने में सरूताल के पास एक स्थानीय मेला होता है। सरूताल ट्रेक से हिमालय की बन्दरपूँछ, यमुनोत्री और गंगोत्री चोटियों का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।
सरूताल |
सरूताल ट्रेक के आकर्षक तथ्य | Amazing Facts About Saru Tal Trek Uttarakhand |
जून माह में सरूताल ट्रेक |
सरुताल में लगभग हर मौसम मे बर्फ देखने को मिलेगी। बरसात के मौसम में बर्फ काफी हद तक पिघल जाती है। सर्दियों में इतनी ज्यादा बर्फबारी होती है कि यहां पहुंचना खतरनाक हो जाता है। सरूताल पहुँचने के लिए जून माह से अक्टूबर माह तक का समय सबसे अच्छा रहता है क्यूंकि इस समय ज्यादा बर्फ नहीं होती और चारों तरफ हरियाली हुआ करती है। इस हरियाली के बीच ट्रेक करना और भी ज्यादा लुभावना हो जाता है।
यह क्षेत्र झूला घास के लिए काफी प्रसिद्ध है। झूला घास एक तरह की औषधि मानी जाती है जिसका उपयोग कई तरह की दवाइयों, मसाले, रंग, इत्र तथा मेहंदी इत्यादि में होता है। क्षेत्र में झूला घास का होना काफी स्थानीय लोगों की आजीविका का स्रोत है।
ट्रेक में पड़ने वाले खतरनाक ग्लेशियर |
सरुताल ट्रेक कैसे पहुंचे? How To Reach Sarutal Trek Uttarakhand?
सरुताल पहुंचने के अलग-अलग रास्ते या ट्रेक हैं। सबसे पहले मार्ग का बेस कैंप सरनोल गाँव है। इसके अतिरिक्त दूसरा बेस कैंप कुर्सिल गाँव और तीसरा बेस कैंप सांकरी भी है।
सड़क मार्ग से सरुताल कैसे पहुंचे? How To Reach Sarutal Trek Uttarakhand by road from Dehradun?
सरनौल और कुर्सिल से सरूताल पहुँचने के लिए सबसे पहले राज्य की राजधानी देहरादून से बड़कोट स्थान पहुंचना होता है। देहरादून से बडकोट मोटरमार्ग पर पड़ने वाले स्थान नैनबाग-डामटा-नौगांव-बड़कोट आदि हैं।
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सांकरी बेस कैंप के लिए देहरादून से जौनसार बावर क्षेत्र के सांकरी स्थान पर पहुंचना होता है। देहरादून से सांकरी मोटरमार्ग पर पड़ने वाले स्थान नैनबाग-डामटा-नौगांव-पुरोला-जरमोला-मोरी-सांकरी आदि हैं।
सबसे ज्यादा चर्चित ट्रेक का बेस कैम्प सरनोल गांव है। देहरादून से बड़कोट की मोटर मार्ग दूरी लगभग 130 किलोमीटर है जिसे तय करने में लगभग 4-5 घंटे लग जाते हैं। बड़कोट से सरनोल गांव की दूरी लगभग 25 किलोमीटर है जिसे तय करने में लगभग 1-2 घंटे लग जाते हैं।
सरनोल गांव से सरुताल का ट्रेक लगभग 40 किलोमीटर का है। यह ट्रेक जंगलों और चढ़ाई वाले खतरनाक रास्तों से होते हुए पहुंचता है। रास्ते में कई सारे दूसरे ताल जैसे बकर ताल, भुजेला ताल, ब्वारा ताल आदि भी देखने को मिलते हैं। ब्वारा ताल की खाशियत है कि उसका पानी पेट्रोल के रंग का दिखता है।
बकर ताल |
रास्ते में सरनोल क्षेत्र, सर बडियार क्षेत्र, गीठ पट्टी के लोग अपने अपने जानवरो के साथ मिलते रहते हैं। ये लोग अपने जानवरों के साथ घास चरवाने के लिए इस तरफ आते रहते हैं। इस वजह से स्थानीय लोगों ने रास्ते में अपनी छोटी-छोटी छानियाँ बना रखी हैं। “छानियाँ” शब्द स्थानीय लोग अपनी गौशाला या अस्तबल के लिए उपयोग करते हैं। 38 किलोमीटर का इतना लंबा ट्रेक पूरा करने में सामान्यतः लगभग 3-4 दिन लग ही जाते हैं, ऐसे में ये छानियाँ ट्रेकर्स के लिए काफी सहायक हो जाती हैं। यहां के स्थानीय लोग खुले दिल से छानियों में ट्रेकर्स का स्वागत करते हैं। आमतौर पर स्थानीय लोग यहां मौजूद नही होते, तो ट्रेकर्स इन छानियों में रात काटने के लिए रुक जाया करते हैं।
सरूताल पहुँचने के लिए बाहरी पर्यटकों के लिए बेस कैंप सरनौल तथा बेस कैंप कुर्सिल से जाने वाले रास्ते आमतौर पर ज्यादा अच्छे हैं। अधिकतर पर्यटक बेस कैंप सरनौल से सरूताल जाना पसंद करते हैं।
बेस कैम्प सरनोल से सरुताल | How to reach Sarutal Trek Uttarakhand from Base Camp Sarnol |
1: पहले दिन में सरनोल से भुजेला ताल पहुंचा जा सकता है।
सरनोल से होते हुए एक रास्ता सीधा “भुजेला ताल” पहुंचता है। जबकि सरनोल से ही दूसरा रास्ता “सोतरी” से होते हुए भुजेला ताल पहुंचता है। दूसरा रास्ता काफी लंबा हो जाता है इसलिए अधिकतर लोग पहले मार्ग से जाना ही पसंद करते हैं।
2: दूसरे दिन भुजेला ताल से आगे बढ़ने पर दूसरा पड़ाव “फाचकाण्डी बुग्याल” है। हरी घास में फैला यह बुग्याल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
3: इसके बाद तीसरे दिन के पड़ाव में सरुताल पहुंचा जा सकता है, और काफी लोग इस ही दिन वापस सरुताल से भुजेला ताल पहुंच जाया करते हैं। लेकिन काफी लोग थकान की वजह से रास्ते में अपना कैम्प लगाकर रुक जाया करते हैं।
4: चौथे दिन काफी ट्रेकर्स भुजेला ताल से सरनोल और सरनोल से वापस बडकोट पहुंचा जा सकता है।
बेस कैम्प कुर्सिल से सरुताल | How to reach Sarutal Trek Uttarakhand from Base Camp Kursil |
1: कुर्सिल से पहले दिन “सोतरी” या भुजेला भी पहुँचा जा सकता है। रास्ते में तुना का डांडा भी पड़ता है।
2: इसके बाद दूसरे दिन फाचकांडी पहुंचा जा सकता है।
3: फाचकाण्डी से तीसरे दिन सरुताल पहुंच सकते हैं। और इसी दिन वापस भुजेला ताल भी पहुंचा जा सकता है।
4: चौथे दिन आप भुजेला ताल से सरनोल और सरनोल से वापस बडकोट पहुंच सकते हैं।
ऊपर बताई गई दिनचर्या बहुत ही कम दिनों में ट्रेक पूरा करने के मकसद से बताई गई है। काफी लोगों के लिए यह मुश्किल हो सकता है, इसलिए रास्ते में कैम्प लगाकर भी रुका जा सकता है। सामान्यता यह ट्रेक 6 से 8 दिन में आसानी से पूरा किया जाता है। काफी सारे स्थानीय लोग मात्र 2 दिन में सरनौल से सरूताल और वापस सरूताल से सरनौल का ट्रेक पूरा कर लेते हैं।
सरुताल |
सरूताल का मौसम | Sarutal Trek Uttarakhand Weather |
सरूताल का तापमान | Sarutal Uttarakhand Temperature Today |
सरूताल ट्रेक करने का सबसे अच्छा समय | Best time to reach Sarutal Trek Uttarakhand in Hindi |
सरूताल ट्रेकिंग के दौरान ध्यान देने योग्य बातें | Things To Keep In Mind Before Reaching Sarutal Trek Uttarakhand |
1: सरूताल ट्रेक काफी लम्बा ट्रेक है और मार्ग में किसी भी तरह की दुकान, होटल, मेडिकल सुविधा नहीं है, इसलिए यात्री जरूरी सामान अपने साथ रखें। अच्छे जूतों के साथ ही ट्रैकिंग करें। टॉर्च साथ रखें।
2: यात्री पर्याप्त मात्रा में अपने पानी रखें, हालाँकि कम ऊंचाई पर मार्ग में प्राकृतिक जल स्रोत मिल जाते हैं लेकिन अधिक ऊंचाई पर पहुँचने के बाद स्रोत मिलना मुश्किल हो जाता है।
3: बारिश और ठण्ड से निपटने के लिए आवश्यक सामान साथ रखें।
4: ट्रेकिंग के दौरान पहाड़ी से पत्थरों का गिरना, फिसलन जैसी बातों का ध्यान रखें।
5: जंगली जानवरों से सावधान रहें। बरसात के मौसम में जोंक का ध्यान रखें।
ध्यान रखें कि मार्ग पर समय के बाद कोई भी मोबाईल नेटवर्क काम नहीं करता।
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****कृपया पर्यटक स्थानों पर गंदगी न फैलाएं। साथ ही स्थानीय लोगों की निजता का ध्यान रखें।****
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